संजीत कुमार, रायपुर। खनिज उत्पादक राज्यों को मिलने वाली रायल्टी की दर में छह वर्ष बाद भी बदलाव नहीं किया गया है। नियमानुसार हर तीसरे वर्ष में इसमें संशोधन किया जाना है, लेकिन 2014 के बाद से रायल्टी नहीं बढ़ाई गई है। इस वजह से छत्तीसगढ़ समेत देश के 19 खनिज प्रधान राज्यों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। इसके मद्देनजर छत्तीसगढ़ सरकार ने रायल्टी में संशोधन कराने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ाने की कोशिश तेज कर दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा रायल्टी बढ़ाने की मांग की है।
खनिज विभाग के अफसरों के अनुसार वर्ष 2018-19 में 6111 करोड़ रुपये की आय खनिज संसाधनों के दोहन से हुई है। नियमों के तहत यदि 2017 में रायल्टी दरों में संशोधन कर दिया जाता तो इसमें करीब 10 फीसद से अधिक की वृद्धि होती। अफसरों के अनुसार, छत्तीसगढ़ ही नहीं बाकी खनिज उत्पादक राज्य भी रायल्टी संशोधन के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बना रहे हैं।
2014 में हुआ था संशोधन
खनिज विभाग के अफसरों के अनुसार केंद्र सरकार ने 17 अगस्त 2009 में खनिज की रायल्टी दर में संशोधन किया था। इसके पांच वर्ष बाद अगस्त 2014 में बदलाव किया गया था।
2014 में तय की गई रायल्टी की दर
बाक्साइट व लेटराइट की रायल्टी 0.50 से बढ़ाकर 0.60 फीसद की गई। कॉपर पर राज्यों को मिलने वाली रायल्टी 4.2 से बढ़ाकर 4.62 फीसदी की गई। लौह अयस्क पर 10 से 15 फीसद की गई। मैंगनीज अयस्क पर रायल्टी 4.2 से बढ़कर पांच फीसद की गई। इसी तरह डोलोमाइट पर 63 रुपये प्रति टन की रायल्टी को 75 रुपये प्रति टन किया गया। वहीं लाइम स्टोन पर राज्यों को मिल रहे 72 रुपये प्रति टन की रायल्टी को बढ़ाकर 90 रुपये प्रति टन किया गया।
देश के कुल खनिज का 16 फीसद उत्पाद
देश के कुल खनिज उत्पादन मूल्य का करीब 16 फीसद छत्तीसगढ़ में संचालित हो रहे खनन प्रक्रिया से प्राप्त होता है। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में खनिज क्षेत्र का 11 फीसद से अधिक का योगदान है। प्रदेश में 80 फीसद से अधिक खनिज आधारित उद्योगों का संचालन हो रहा है।
प्रदेश में 252 मुख्य के साथ दो हजार गौण खनिज
छत्तीसगढ़ में 252 मुख्य खनिज खदानों के अलावा दो हजार गौण खनिज की खदानें और एक हजार से अधिक क्रसिंग और अन्य प्रसंस्करण इकाइयां संचालित हैं।
देश के खनिज उत्पादक राज्य
आंध्रप्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू, झारखंड, कर्नाटक, केरला, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश
लौह अयस्क और कोयला से राज्य को प्राप्त राजस्व
वर्ष खनिज राजस्व
2012-13 कोयला 176464.10
2013-14 ,, 188622.59
2014-15 ,, 180819.59
2015-16 ,, 186709.23
2016-17 ,, 195654.85
लौह अयस्क
104539.62
95857.48
133698.69
82276.92
82994.13
(राशि लाख रुपये में)