पश्चिम बंगाल में फिर आमने-सामने राज्यपाल और ममता सरकार, अब अभिभाषण के प्रसारण को लेकर विवाद


पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सोमवार को हैरानी जताते हुए पूछा कि वित्त मंत्री अमित मित्रा के बजट भाषण का सीधा प्रसारण किया जाता है, जबकि विधानसभा के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण का सीधा प्रसारण नहीं होता है, क्या यह किसी तरह की 'सेंसरशिप' है?


धनखड़ ने इसे राज्य के संवैधानिक प्रमुख के प्रति असहिष्णुता करार दिया और विश्वास व्यक्त किया कि पूरे घटनाक्रम को लेकर मीडिया 'मूकदर्शक नहीं बना रहेगा। मित्रा ने सोमवार को ममता सरकार का बजट पेश किया, जबकि धनखड़ ने शुक्रवार को सत्र के पहले दिन विधानसभा में अभिभाषण दिया था।


धनखड़ ने टि्वटर पर कहा कि राज्य के वित्त मंत्री डॉ मित्रा के बजट भाषण का सीधा प्रसारण किया गया जबकि अनुच्छेद 176 के तहत होने वाले महत्वपूर्ण क्षण राज्यपाल के अभिभाषण का परंपरा से हटते हुए सीधा प्रसारण नहीं होने दिया गया और मीडिया को भी दूर रखा गया। राज्य के लोगों पर फैसला छोड़ता हूं।


बता दें कि पश्चिम बंगाल में शुक्रवार (7 फरवरी) से शुरू हुए विधानसभा के बजट सत्र में राज्यपाल और सरकार के बीच मतभेद उस समय सामने आ गया था जब राज्य मंत्रिमंडल ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ की उस सलाह को मानने से इनकार कर दिया था, जिसमें उन्होंने सत्र की शुरुआत में पढ़े जाने वाले अभिभाषण में कुछ बदलाव करने की मांग की थी।


राज्यपाल के प्रेस सचिवमानब बंदोपाध्याय ने मीडिया में जारी एक बयान में कहा था कि राज्यपाल ने भाषण के कुछ पैराग्राफ में बदलाव अथवा अतिरिक्त अंश जोड़ने और कुछ नए पैराग्राफ जोड़ने को लेकर राज्य सरकार को सुझाव भेजे थे। सरकार ने इसके जवाब में 6 फरवरी को राजभवन से कहा था कि भाषण के अंश भेजे जा चुके हैं और वह फाइनल हैं।