बिना टिकट यात्रा करते मिले विद्यार्थी तो रेलवे लेगा स्कूल प्रबंधन की क्लास

अतुल शुक्ला, जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर रेल मंडल ने स्कूली विद्यार्थियों को ट्रेनों में बेटिकट सफर करने से रोकने की नई पहल शुरू की है। कानूनी तौर पर बिना टिकट सफर अपराध है। ऐसा करने पर जुर्माने व छह माह की जेल की सजा का प्रावधान है। विद्यार्थियों के भविष्य और अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को महसूस करते हुए रेलवे ने उन्हें सजा देने के बजाय उनमें जागरूकता लाने का बीड़ा उठाया है। शुरुआत 100 स्कूलों को पत्र लिखकर समझाइश देने से शुरू की गई है। इसके बाद भी बेटिकट सफर नहीं रूका तो रेलवे संबंधित स्कूल प्रबंधन की भी क्लास लेगा।


इन दिनों जबलपुर के स्कूलों के नोटिस बोर्ड पर रेलवे का पत्र चस्पा किया जा रहा है। यह पत्र खासतौर से उन स्कूलों के प्राचार्यो को लिखा जा रहा है, जिनके विद्यार्थी प्रतिदिन ट्रेन में सफर करके स्कूल आते हैं। दरअसल, ट्रेनों में टिकट चेकिंग के दौरान करीब 50 फीसद स्कूली छात्र-छात्राएं बिना टिकट सफर करते मिलते हैं। रेलवे, इन विद्यार्थियों पर जुर्माना या सजा की कार्रवाई करने के बजाय इसके स्कूल प्रबंधन को इसकी जानकारी दे रहा है, ताकि उनके विद्यार्थी बिना टिकट सफर न करें।


जुर्माना लगेगा, जेल होगी और नौकरी भी नहीं लगेगी


जबलपुर रेल मंडल के कमर्शियल विभाग ने पत्र में कहा है कि स्कूल डेली अप-डाउन करने वाले विद्यार्थियों की पहचाने करें और उन्हें टिकट लेकर ट्रेन में सफर करने के लिए जागरूक करें। यह भी बताएं कि बिना टिकट सफर करने पर रेलवे 300 से 1000 रुपये तक का जुर्माना वसूलता है। जुर्माना नहीं देने वालों को छह माह की जेल भी हो सकती है। एक बार कार्रवाई हो जाने के बाद न तो विद्यार्थी का पुलिस वैरीफिकेशन होगा और न ही भविष्य में वह सरकारी नौकरी कर सकेगा।


इन क्षेत्रों के विद्यार्थी बेटिकट-


बेटिकट सफर करने वाले विद्यार्थियों में अधिकांश कटनी, गाडरवारा, सतना, मैहर, रीवा, पिपरिया, नरसिंहपुर, दमोह और सागर के स्कूलों के होते हैं।


इन ट्रेनों में की जांच-


जबलपुर पैसेंजर ट्रेन , जनशताब्दी, महाकोशल, रीवा इंटरसिटी, सिंगरौली इंटरसिटी, सोमनाथ, श्रीधाम


कई बार छोड़ा, फिर भी नहीं माने-


 


रेलवे बोर्ड ने विभाग को सतत जांच कर बिना टिकट यात्रा करने वालों से जुर्माना वसूलने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद जबलपुर रेल मंडल के कमर्शियल विभाग के सीनियर डीसीएम कोचिंग ने ट्रेनों में जांच की तो अधिकांश विद्यार्थी बिना टिकट सफर करते मिले। जांच दलों ने कई बार विद्यार्थियों को समझाइश देकर छोड़ दिया, लेकिन बाद में भी वही विद्यार्थी फिर बिना टिकट मिले।


ताकि वे टिकट लेकर ही सफर करें


 


100 से ज्यादा स्कूल के प्राचार्यो को पत्र लिखकर कहा है कि वे ट्रेन में अप-डाउन करने वाले विद्यार्थियों को बिना टिकट सफर के दुष्परिणाम बताएं, ताकि वे टिकट लेकर ही सफर करें।


-मनोज गुप्ता, सीनियर डीसीएम, कोचिंग, जबलपुर रेल मंडल